फतेहपुर Live : कोटपा कानून 2003 यूं तो लंबे समय से लागू हैं, जिसके तहत सार्वजनिक स्थल पर तंबाकू का प्रयोग वर्जित है।1 लेकिन अब इसे जिले भर में सख्ती के साथ लागू किया जाएगा, सोमवार को कलेक्ट्रेट, विकास भवन, जिला अस्पताल व सीएमओ कार्यालय में अर्धचंद्राकार पीली रेखांए खींच कर इन क्षेत्रों को तंबाकू निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया गया।
जिला अधिकारी आंजनेय कुमार सिंह ने कहा कि जिले के हर सरकारी कार्यालय व स्कूल को तंबाकू निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया जाएगा बल्कि इन स्थानों के सौ गज के दायरे में भी यदि तंबाकू सेवन किया जाएगा तो दोषी पर 200 रुपया जुर्माना लगाया जाएगा।
तंबाकू नियंत्रण के नोडल डिप्टी सीएमओ डा. संजय कुमार ने बताया कि कोटपा कानून 2003 की धारा चार के तहत जुर्माने का प्राविधान है। उन्होंने बताया कि चार सरकारी दफ्तरों में तंबाकू की रोक के लिए पीली रेखाएं खींच दी गयी है। अब यदि यहां पर कोई भी तंबाकू का नशा करते पाया जाएगा तो उसके ऊपर जुर्माने का प्राविधान है। उन्होंने बताया कि किसी भी विभाग के विभागाध्यक्ष जुर्माने की नोटिस काट सके इसके लिए सभी विभागों में जुर्माना नोटिसों का प्रारूप भेजा गया है।
■ जानिए क्या है कोटपा कानून और इसकी बारीकियां
सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम 2003(विज्ञापन, व्यापार और वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति और वितरण का विनियमन) या सीओटीपीए भारत की संसद का अधिनियम है। यह सिगरेट एवं तम्बाकू उत्पाद विज्ञापन को प्रतिबंधित करने और प्रदान करने के लिए व्यापार और वाणिज्य का विनियमन और भारत में सिगरेट और अन्य उत्पादों की उत्पादन और बिक्री के लिए था। अर्थात सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम 2003 प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सेवन से होने वाले दुष्प्रभाव के प्रति लोगों को जागरुक करने और उनके बचाव के लिए था। इसी के साथ यह अधिनियम तम्बाकू उत्पाद प्रतिबन्ध एवं चेतावनी संबंधी विज्ञापन, वाणिज्य एवं व्यापार तथा आपूर्ति एवं वितरण पर लागू होगा। इसे संसद द्वारा 39वें विश्व स्वास्थ्य असेंबली द्वारा पारित प्रस्ताव पर प्रभाव डालने के लिए अधिनिमित किया गया है। जिसमें सदस्य राज्यों से तंबाकू धूम्रपान के अनैच्छिक संपर्क से धूम्रपान करने वालों को सुरक्षा प्रदान करने के उपायों को लागू करने के लिए आग्रह किया गया था।
तम्बाकू उत्पादों के प्रयोग से चिंतित भारत सरकार ने मई 2003 में सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम (सीओटीपीए – कोटपा) को लागू किया। यह एक ऐसा कानून था जिसके क्रियान्वन के बाद तम्बाकू उत्पादों के उपयोगकर्ताओं की संख्या पर निश्चित तौर पर ही प्रभाव पड़ना था।
धारा 4
इस एक्ट की धारा 4 के अनुसार सार्वजनिक स्थलों पर, बस स्टैण्ड, रेलवे स्टैण्ड, हॉस्पिटल, रेलवे प्रतिक्षालय, न्यायालय परिसर, शैक्षण संस्थान, कैन्टीन, कैफे, बैंक एवं अन्य स्थानों पर धूम्रपान निषेध है। इसी के साथ इसका उल्लंघन करने वाले 200 रुपये और अन्य जुर्माने लगाए जाने का प्रावधान है। इस पेनाल्टी के लिए सब इंस्पेक्टर रैंक का अधिकारी अधिकृत है। इसी के साथ यदि व्यक्ति इस पेनाल्टी से इंकार करता है तो वह अपराधिक एक्ट 1973 की धारा 25 एवं 28 के तहत दोषी होगा।
धारा 5
एक्ट की धारा 5 के तहत सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद का प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रुप से विज्ञापन, प्रोत्साहन एवं प्रेरित करना प्रतिबंधित है। ऐसा करने पर 100/- रुपये का जुर्माना या 2 वर्ष की सजा या दोनों का ही प्रावधान है।
धारा 6
एक्ट की धारा 6ए के तहत सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद को 18 वर्षों से कम तक के बच्चों के बिक्री पर प्रतिबंध है। जबकि धारा 6बी के तहत शैक्षिक संस्थाओं के 100 यार्ड की दूरी तक सिगरेट और तम्बाकू उत्पाद की बिक्री पर प्रतिबन्ध है। इसका उल्लंघन करने पर 200 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।
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