फतेहपुर Live : शहर का हजारीलाल फाटक स्वतंत्रता के आंदोलन का केंद्र बिंदु रहा है। अंग्रेजी हुकूमत के फरमान को धता बताते हुए क्रांतिकारियों ने यहां जुलूस निकाला तो उन्हें जेल भेजा गया। जेल में भी उनका उत्साह कम नहीं हुआ और देशभक्ति गीतों से सभी के रक्त प्रवाह को गति देने का काम किया। जेल में बंद लोगों में अतिउत्साह देख अंग्रेजी अफसर भी हैरत में पड़ गए थे।
जिले में कांग्रेस का सूत्रपात गणोश शंकर विद्यार्थी की प्रेरणा से सन 1916 में हुआ। इतिहासकार डॉ. ओम प्रकाश अवस्थी बताते हैं कि झंडा गीत के रचनाकार नर्वल कानपुर निवासी श्यामलाल गुप्त ‘पार्षद’ पहली बार जिले के कांग्रेस के अध्यक्ष और बाबू बंशगोपाल ने सचिव की बागडोर संभाली। श्यामलाल गुप्त ने फतेहपुर के जिला जेल की बैरक नंबर नौ में रहते हुए ‘झंडा ऊंचा रहे हमारा’ गीत की रचना की, जो देश का झंडा गीत स्वीकार किया गया।
कांग्रेस के सचिव बाबू बंशगोपाल मोतीलाल नेहरू से मुलाकत करने इलाहाबाद के लिए निकले। इसकी भनक लगते ही उनको फतेहपुर रेलवे स्टेशन में बंदी बना लिया गया। फिर क्या था, विरोध में पूरे शहर में दुकानें बंद कर हड़ताल कर दी गई थी।
■ स्वतंत्रता संग्राम को आल्हा छंद में लिखा : बाबू बंशगोपाल मूल रूप से इलाहाबाद के रहने वाले थे। फतेहपुर में वकालत शुरू करने के साथ वह आंदोलन में पूरी तरह से कूद गए व नेतृत्व संभाला। असहयोग प्रस्ताव पर उन्होंने 1921 में वकालत का रजिस्ट्रेशन वापस कर दिया। स्वतंत्रता आंदोलन को आल्हा छंद में लिखकर उन्होंने इस लड़ाई को आमजन तक पहुंचाने के प्रयास किया।
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