22 सित॰ 2016

'खेलो इंडिया' ने दम तोड़ा, फतेहपुर में फाइलों से आगे नहीं बढ़ पा रही ग्रामीण इलाकों में स्टेडियम बनाने की योजना और खेल की सुविधाएं

 

FatehpurLive.com , फतेहपुर  : खेल के क्षेत्र में गांव की प्रतिभा को निखारने के प्रयास फाइलों से आगे नहीं बढ़ पा रहे है। राजीव गांधी खेल अभियान योजना के तहत जिले के चार ब्लाकों में जमीन अधिग्रहीत कर लिए जाने के बाद भी काम नहीं शुरू हो पा रहा है। ग्रामीण स्टेडियम में एक दर्जन से अधिक खेलों की सुविधा के साथ कोच आदि की भी व्यवस्था करने की कार्ययोजना थी।

बताते हैं कि केंद्र सरकार ने राजीव गांधी योजना की जगह खेलो इंडिया योजना लागू किया है, जिसमें राजीव गांधी योजना के प्रस्तावित ग्रामीण स्टेडियम बनाए जाने है। अधिकारियों का कहना है कि अभी तक नई योजना की गाइड लाइन नहीं आई है। संसाधन व सुविधाओं के अभाव में गांव खेलकूद प्रतिभाएं मंजिल तक पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देती है।

■ खेलो इंडिया :
☀ ग्राम समाज की 5 से 7 एकड़ जमीन युवा कल्याण विभाग के नाम
☀ बजट न मिलने से स्टेडियम के विकास पर नहीं हो रहा कुछ काम




यह माना गया है कि खेलकूद में गांव की प्रतिभा को शुरू से बेहतर मार्ग दर्शन मिले तो वह कामयाबी हासिल कर सकते है। खेलकूद के संसाधन गांव में मुहैया कराने के लिए सबसे पहले पाइका (पंचायत युवा कल्याण योजना) लागू की गई। इस योजना में पंचायतों को खेलकूद की सामाग्री मुहैया कराई गई। युवा कल्याण विभाग की ओर से दी गई सामाग्री खेल के मैदान तक पहुंच ही नहीं पाई। करोड़ों की सामाग्री के वितरण के बाद भी योजना एक पग भी आगे नहीं बढ़ी।

राजीव गांधी खेल अभियान योजना में हर ब्लाक में एक ग्रामीण स्टेडियम व न्याय पंचायत स्तर में मिनी ग्रामीण स्टेडियम तैयार करने की योजना बनी। जिले में तेरह विकास खंडों में चार ब्लाकों में जमीन मुहैया हुई तो विभाग ने स्टेडियम के लिए फाइल चला दी। फाइल आगे बढ़ी ही थी कि केंद्र सरकार ने योजना समाप्त कर इसकी जगह खेलो इंडिया लागू कर दिया।

☀ गाइड लाइन नहीं आई
युवा कल्याण अधिकारी आरडी यादव ने बताया कि ग्रामीण स्टेडियम के लिए खाका तैयार हुआ था कि योजना का नाम ही बदल गया। खेलों इंडिया नाम की नई योजना की गाइड लाइन अभी तक नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्टेडियम के लिए भूमि की उपलब्धता जैसे सबसे महत्वपूर्ण कार्य को विभाग ने चार ब्लाकों में पूरा करा लिया है।


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