आज सुबह मैं संतोष त्रिवेदी जी से मिलने उनके गाँव गया हुआ था। फतेहपुर जिले में हुई इस साल की सबसे बड़ी रेल दुर्घटना में फतेहपुर का नाम होने से मित्रों के फोन आने पर मुझे जानकारी हुई । हालांकि शुरू में मैंने इसे केवल बोगी के पटरी से उतर जाने जैसा ही साधारण समझा था। क्योंकि बताते चलें कि खागा स्टेशन के समीप डेढ़ माह पहले संगम एक्सप्रेस की 8 बोगी पटरी क्षतिग्रस्त हो जाने से पलट गयी थी लेकिन कोई भी यात्री जख्मी नहीं हुआ था। मलवां स्टेशन के समीप 6 माह पहले भी 4 बोगी पलटी थी लेकिन कोई जख्मी नही हुआ था। जाहिर है भगवान को मेरी यह समझ स्वीकार ना थी। वहाँ से मैं लौटकर फतेहपुर पहुंचा तो एक मित्र के साथ मलवां गया तो हक्का बक्का रह गया। रुक कर देखने , बात करने , उपस्थित मीडिया मित्रों से प्राप्त जानकारी पर यह पोस्ट कुछ चित्रों के साथ हाजिर है | दर्द-विदारक चित्र जानबूझ कर यहाँ नहीं लगाए गए हैं।
अपने पेड़े के लिए प्रसिद्द मलवां को आज यह दिन भी देखना था। मलवां स्टेशन फतेहपुर से 17 किमी व कानपुर से 60 किमी दूर स्थित है। फतेहपुर के मलवां स्टेशन पर कालका मेल के पलटने और लगभग 5 दर्जन से अधिक यात्रियों के मरने एवं 300 से अधिक के जख्मी होने की घटना अब तक की जिले की ट्रेन हादसे की सबसे बड़ी घटना है। घटना से लोगों का दिल दहल गया, जिसने भी सुना वह या तो घटनास्थल की ओर कूच कर गया या फिर सदर अस्पताल में भर्ती यात्रियों को देखने पहुंचा। हर किसी के मुंह से यहीं बात निकलती कि अरे यह कैसे हुआ?
हादसा इतना बड़ा है कि देर रात्रि तक फंसे यात्रियों को बोगियों से निकाला नही जा सका है । प्रशासनिक अधिकारियों की देखरेख में पुलिस जवान, प्रशासनिक कर्मी एवं समाजसेवी राहत एवं बचाव कार्य के लिए लगे हुए हैं। इसके बावजूद लोग फंसे थे। जख्मी लोग कराह रहे थे, कुछ महिलाए एवं बच्चों की चीख सुनते नहीं बन रही है । हादसे के बारे में सुनकर लोगों के रोंगटे खडे़ हो जाते हैं। हालात इतने गंभीर दिख रहे हैं कि राहत कार्य सेना के हवाले करना पड़ा। इसके लिए सेना के जवान हेलीकाप्टर से मौके तक पहुंचाये गए।
उपस्थित लोगों का यात्रिओं से प्राप्त सूचना के अनुसार कहना था कि कालका एक्सप्रेस का प्वाइंट ठीक न मिलने के कारण इंजन पटरी से उतर गया। कहा यह भी जा रहा है कि इंजन का एक्सल टूटने के कारण चालक ने इमरजेंसी ब्रेक लगाया और भीषण हादसा हो गया। मौके पर मौजूद एक यात्री से स्वयं मेरी बात हुई तो उन्होंने बताया कि बड़ी जल्दी जल्दी तीन झटके लगे और फिर अचानक क्या हुआ , कि उन्हें सोचने और संभालने तक का मौक़ा ना मिल सका। घटना की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि घटना के दस-ग्यारह घंटे बाद भी घायलों व मृतकों को बोगियों से निकाला नहीं जा सका है। कुछ बोगियां तो एक-दूसरे में इस कदर घुस गयी हैं कि उन्हें निकालना संभव नहीं हो पा रहा है। कालका मेल में दर्जनों यात्रियों ने राहत कार्य के दौरान लोगों के सामने दम तोड़ा।
हादसे के बाद सबसे पहले आसपास के गांव के सैकड़ों लोग दौड़कर मौके पर आए और पलट गए डिब्बों में फंसे लोगों को बाहर निकालना शुरू किया। बताते हैं कि दुर्घटना का भीषण स्वरूप देख स्थानीय व रेल प्रशासन के हाथ-पांव फूल गये। इस पर सेना की मदद की पुकार करनी पडी। वायुसेना को मेडिकल व रेस्क्यू टीम (चिकित्सा व राहत दल) हेलीकाप्टरों से भेजनी पड़ी। लगभग दो सौ से अधिक लोग लोग फतेहपुर के जिला अस्पताल में भर्ती हैं। इसके अलावा कानपुर के हैलट, उर्सला, केपीएम अस्पतालों में भी मरीज भर्ती हुए हैं। कानपुर व फतेहपुर के नर्सिग होम्स में भी घायलों के इलाज की सूचना है। बताते हैं कि दुर्घटना में स्वीडन के एक नागरिक की भी मौत हो गयी है।
कुछ तथ्य
- आस-पास के ग्रामीण यदि मौके पर ना होते मृतक संख्या और भी बढ़ सकती थी।
- सरकारी सहायता हादसे के तीन घंटे बाद ही सक्रिय हो सकी।
- मौके पर जुटाए गए गैस-क़टर आदि के काम नहीं कर पाने से जन -आक्रोश बढ़ता ही जा रहा था । बहुत से लोग इसके बारे में न्यूज चैनल्स के संवाददाताओं से इसकी शिकायत करते देखे गए।
- एक बार फिर साबित हुआ कि फतेहपुर जैसे शहरों में आपदा प्रबंधन के नाम पर तैयारी शून्य है।
- लोगों के हुजूम में हरएक के मन में मलाल था कि लोग किसी की मदद नहीं कर पा रहे हैं ।
- पुलिस प्रशासन के लोगों से कई बार राहत-कार्य में लगे गाँव वालों से मुंहाचाही हुई।
- अपने जोश और जिजीविषा के चलते कई फतेहपुरी लोग स्वयं गैस कटर लेकर वहाँ पहुंचे थे।
- फतेहपुर से लेकर बिन्दकी तक के लोग वहाँ दुर्घटना स्थल पर बहुत अधिक मात्रा में पहुँच जाने से प्रशासन भीड़ को नियंत्रित करने में ही हलाकान रहा।
- सदर अस्पताल में लोग हर संभव मदद के लिए तैयार खड़े थे ....कुछ लोग तो आग्रह पूर्वक खून देने आदि की जरुरत पर स्वयं तैयार दिख रहे थे।
हेल्पलाइन नंबर
रेलवे ने हादसे से संबंधित जानकारी देने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं जो इस प्रकार हैं: - - कानपुर सैंट्रल हेल्पलाइन: 0521 2323015, 0521 2323016 ,0521 2323018
- फतेहपुर पुलिस : 9454403359
- फतेहपुर डीजी : 9454402508
- इलाहबाद हेल्पलाइन : 0532-2207353
- चंडीगढ़ : 0172-2658924
- कालका एक्सप्रेस : 01733-221109
- अंबाला :0171-2631275
- कोलकाता : 033-26413660
- चुनार : 05443- 222137, 222487
- मिर्जापुर : 05442- 222095. 220096, 220097
मृतक सूची
शाम 6:00 मिली हादसे में मरने वालों की सूची-
- दिलीप सिंह ------------मीरपुर छावनी, कानपुर
- कल्लोदेवी पत्नी दिलीप सिंह------------मीरपुर छावनी, कानपुर
- शबनम पत्नी शैराज------------कोलकाता
- जावेद आलम पुत्र वली ------मकरीखोह कटरा, मिर्जापुर
- राजेश सिंह पुत्र निरंजन सिंह------मुरैना, मध्य प्रदेश
- सुफलचंद्र पुत्र बालचंद------हुबली कोलकाता
- एमएस करमाकर(गेल डीजीएम)------दिबियापुर, औरैया
- कमला करमाकर------------दिबियापुर, औरैया
- अनूप कुमार------------------धूमनगंज, इलाहाबाद
- लोतिका------------------------इकबालपुर, कोलकाता
- अंगन------------------------------(पता नहीं)
- समरजीत सिंह------------------------जयरामनगर फतेहपुर
घायलों की सूची
जिला अस्पताल में भरती घायलों की सूची- नाम------उम------निवासी
- सतीश------35-----बागपत, हरियाणा
- मंशारामचंद---28------बाकुड़ा, पश्चिम बंगाल
- पप्पू-------20------गया, बिहार
- इंदल कुमार------25------गया, बिहार
- आनंद------18------गया, बिहार
- शिवकुमार प्रधान ------54------सड़तिया, कोलकाता
- शहाबुद्दीन------22------अमरोहा, यूपी
- नीरज कुमार------16------चितरा केदलीखुर्द झारखंड
- भगवान प्रजापति------32------चितरा केदलीखुर्द झारखंड
- रजनीश प्रसाद गुप्त------32------गोरखपुर यूपी
- मोहन भोलासेख------54------मुस्तफी पश्चिम बंगाल
- राघवेंद्र शुक्ल------19------आमघाट मिर्जापुर यूपी
- डा.सुकुमार बागची------45------मिर्जापुर यूपी
- मृत्युंजय------14------मिर्जापुर यूपी
- राजेंद------25------गजोघाटोला गया बिहार
- अजीत सिंह------45------अटलपुर मेरठ यूपी
- मजीत------60------हयातनगर कालोनी मिर्जापुर यूपी
- मुकेश------39------झूसी इलाहाबाद यूपी
- रीना कुमारी------22------भगवानपुर बिहार चंडीगढ़
- खुशीकुमारी------8------भगवानपुर बिहार चंडीगढ़
- अरुशि कुमारी------5------भगवानपुर बिहार चंडीगढ़
- अस्मत अली------37------जुगराजपुर पश्चिम बंगाल
- सादिक अली खान------40------जुगराजपुर पश्चिम बंगाल
- मो. इरफान------35------समस्तीपुर बिहार
- शिवकुमार यादव------28------विलासपुर छत्तीसगढ़ आरपीएफ जवान
- एसकांती------ 55------180 ए मुखर्जी रोड कोलकाता
- शाहजहां बेगम------50------ताजपुर पतारा गाजीपुर यूपी
- अबजित मंडल------36------खड़गरामपुर पश्चिम बंगाल
- गुलाबगुल हक------23------जिगरागुल पश्चिम बंगाल
- नीवेश वैद्य------48------खजुरबेड़िया पश्चिम बंगाल
- अर्जुन सिंह------50------इलाहाबाद यूपी
- सुधीर वर्मा------42------152 शैलपुत्री अपार्टमेंट लक्ष्मीशकरपुर नई दिल्ली
- कौशेंद------36------वर्धमान कोलकाता
- आशमा खातून------45------काशीपुर श्यामबाजार छपरा बिहार
- मुकेश पांडेय------40------मिर्जापुर यूपी
- अमित बाल्मीकि------12------सिक्कावान मेरठ यूपी
- नरेंद्र प्रसाद शर्मा------32------64/200 गड़रिया मोहाल, कानपुर
- सुनैना वर्मा------40------नई दिल्ली
- सुप्रिया वर्मा ------15------नई दिल्ली
- सरजू भारती------22------केदलीखुर्द चतरा झारखंड
- जगतपाल------25------भरसोला थरियांव फतेहपुर यूपी
- सुभाष प्रजापित------32------सकरैल थाना के समीप कोलकाता
- राजेश कुमार गुर्जर------31------ बोन राजस्थान
- इंदर सिंह------31------टिकरिया राजस्थान
- इकबाल अंसारी------35------मुराइन टोला फतेहपुर यूपी
- रामजी ------22------सिकट्ठनपुर कानपुर यूपी
- संदीपन घोष ------33------कुडुन्ना हार पश्चिम बंगाल
- अर्जुन राम------50------आरा बिहार
- निजामुद्दीन------18------ कश्मीरी गेट फिरोजाबाद यूपी
- आमना बेगम------40 ------कश्मीरी गेट फिरोजाबाद यूपी
- मोहनी कलमाड़ी------42------ 115 एमजी रोड कोलकाता
- निशा कलमाड़ी------18 ------ 115 एमजी रोड कोलकाता
- रानू घोष------50------ कैलाश नगर पुरानी दिल्ली
- मोहम्मद बैतुल्ला खान------61 कसपेपुर रोड कोलकाता
- जुगेश ------30------रांची झारखंड
- एमडी गुलजार ------36------दरभंगा बिहार
- बेबी ------28------रांची झारखंड
- पिंटू कुमार शाह------25------प्रेमनगर नई दिल्ली
- शशि ------24------जहानाबाद बिहार
- अनिरबन प्रधान------22------मेदनीपुर पश्चिम बंगाल
- धनंजय यादव------21------कठवारा गाजीपुर फतेहपुर यूपी
- अमित सिंह------35------शुकलहा मिर्जापुर यूपी
- राजेश महतो ------30------ बिटोल झारखंड
- गजमती देवी------28------बिटोल झारखंड
- ब्यूटी चौधरी ------65------कोल्लानी कोलकाता
- बीरेंद्र यादव ------40------छुमिलर नई दिल्ली
- अभिजित राज ------35------66/26 पीरोड कोलकाता
- सरोज कुमार ------24------धनगई औरंगाबाद बिहार
- विजय------37 ------ मिसौढ़ हरियाणा
- मायादेवी------45------1844 मउली जागरा कांप्लेक्स चंडीगढ़
- प्रोटोस------30------नादिया पश्चिम बंगाल
- जीतेंद्र कुमार------23------आजाद नगर मुली धनबाद झारखंड
- संजीत पाल------38------हावड़ा कोलकाता
- अनीमिष पाल------32------हावड़ा कोलकाता
- सुमित मंडल------32------डल्लावीर भूमि पश्चिम बंगाल
- विश्वजीत मंडल------32------डल्लावीर भूमि पश्चिम बंगाल
- कार्तिक कुंड------40------डल्लावीर भूमि पश्चिम बंगाल
- मुन्निरा देवी------40------कानपूर पश्चिम बंगाल
- मानस डे------47------कानपूर पश्चिम बंगाल
- मीना हलधर------33------कानपूर पश्चिम बंगाल
- मोहसिन हलधर------40------चौबीस पूर पश्चिम बंगाल
- रुक्मणी देवी------15------चौबीस पूर पश्चिम बंगाल
घटनाक्रम : मिनट दर मिनट
- 12:18 बजे दोपहर- मलवां स्टेशन पर जोरदार धमाके के साथ कालका मेल पलटी।
- 12:30- स्थानीय ग्रामीण मौके पर पहुंचे, राहत कार्य शुरू किया।
- 1.00 बजे: एसपी व प्रभारी डीएम राहत टीम के साथ पहुंचे
- 2:30- पहली राहत गाड़ी कानपुर से आई, बचाव कार्य शुरू
- 3:30 - दूसरी राहत गाड़ी मौके पर पहुंची ।
- 3:32- सेना के जवान पहुंचे, राहत कार्य शुरू किया।
- 3:42- कमिश्नर व आईजी पहुंचे, राहत कार्य का जायजा लिया।
- शाम 4:33- आसमान में पहला हेलीकॉप्टर दिखाई दिया।
- शाम 4:38-वायुसेना के जवानों ने राहत कार्य शुरू किया।
- शाम 5:00- प्रमुख सचिव अनूप मिश्र, पंचायतीराज मंत्री स्वामीप्रसाद मौर्य पहुंचे।
- शाम 5:10 - केंद्रीय कोयला मंत्री श्री प्रकाश जायसवाल घटनास्थल पर पहुंचे, राहतराशि की घोषणा।
- 5.30 बजे: यात्रियों को लेने कानपुर से आयी ट्रेन
- 6.00 बजे: इंजन से लगे एसएलआर बोगी में लगी आग, फायर ब्रिगेड ने बुझायी
- 7.00 बजे: राहत कार्य जारी रखने के लिए रोशनी की वैकल्पिक व्यवस्था
- रात 10:00- रेलवे की क्रेन ने पहली बोगी को घटनास्थल से हटाया।
साभार : स्थानीय विभिन्न मीडिया ब्यूरो , दैनिक जागरण , अमर उजाला , हिन्दुस्तान आदि |
ओह! हृदयविदारक
जवाब देंहटाएंमास्टर साब की पत्रकारिता को सलाम । पूर्ण खबर ।
जवाब देंहटाएंफतेहपुर का यह ब्लाग जीवंत है और इससे मुझे यह बात समझ में आयी है कि आधुनिक तकनिक का उपयोग शहरी लोगो की विरासत नही है। एसे ब्लाग हर जिले व तहसील के होने चाहिये जहाँ समसामयिक घटनाओें की जानकारी दी जा सके। खास बात यह है कि स्थानीय जागरुक व्यक्तियों द्वारा दी जाने वाली जानकारी सटीक होगी।
जवाब देंहटाएंदुर्घटना दुखद है ओर आपदा प्रबंधन हम जब तक नही सिखेगें तब तक हालत एसे ही रहेगें।
Sir its really painfull to saw such an incident and more painfull to see that our city is so backward that there is nothing like disaster management ,poor medical facilities. I appreciate your efforts for voluntary journalism.
जवाब देंहटाएंIts really painfull
जवाब देंहटाएंit should be notify the reason of accident......
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we pray to god it should't be in future