पिछले ५ दिसंबर २०१० को भिटौरा के ओम घाट में उस दृश्य का नजारा देखने लायक था , जिसमें इसी माटी में खेल व पढ़कर देश और दुनियां में नाम रोशन करने वाली विभूतियां अपने ही लोगों से मिली और इस माटी का कर्ज कैसे चुकायें इस पर भी चर्चा करती रहीं । खास बात यह है कि विभिन्न क्षेत्रों में बुलंदियों को छूने वाले यह महानुभाव नई पीढ़ी से रूबरू होकर उन्हें आगे बढ़ने की सीख ही नहीं बल्कि उनका हाथ थामकर कुछ कर दिखाने का जज्बा भी देते रहे।
(सम्मानित माटी के लाल) |
जनपद के गौरवशाली व्यक्तित्व अलंकरण समारोह की तीसरी कड़ी में जनपद की उन महान विभूतियों का सम्मान किया गया जो जिले के बाहर रहकर यहां की माटी का मान बढ़ा रहे हैं। इनमें शासकीय सेवा, व्यवसाय, खेल, मीडिया व अन्य क्षेत्र में उल्लेखनीय मुकाम हासिल किये लोगों के नाम शामिल हैं। जिले की मिंट्टी में जन्में यह लोग बाहर रहकर भी यहां के लिये कुछ न कुछ करना चाहते हैं यही उनकी इच्छा है। भिटौरा के ओम्घाट-पंट्टी विट्ठलपुर सहिमापुर में हुए अलंकरण समारोह में आयी जनपद की इन हस्तियों ने एक दूसरे के हालचाल लिये। यह सभी एक मंच पर एकत्र होकर अपनी जन्म भूमि के प्रति दिल खोलकर कार्य करने की घोषणा की। अपनी जन्म भूमि की माटी से मिलने के लिए समारोह में आये उसके लाल एक दूसरे से मिले तो यादों में खो गये। कुछ तो पहली बार एक दूसरे से मिल रहे थे। कार्यक्रम में आयी विभूतियों ने कहा कि वह जितना हो सकेगा फतेहपुर जिले का नाम रोशन के लिए कुछ विशेष करते रहेंगे।
(समानित जनो के साथ स्वामी विज्ञानन्द जी) |
स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती जी की अगुवाई में आयोजित समारोह में सम्मान पाने वालों में सीईओ ग्रुप कैप्टन निम्स फ्लाइंग एकाडमी दिल्ली कर्नल तेज प्रकाश श्रीवास्तव, मध्य कमान भारतीय सेना लखनऊ कर्नल विभय मान सिंह, आईएएस दिल्ली पंकज कुमार, डिप्टी डायरेक्टर एनएसओ गवर्नमेंट आफ इंडिया दिल्ली संध्या सिंह, सहायक कमिश्नर कस्टम दिल्ली मनोज कुमार पटेल, न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रद्धा त्रिपाठी, एडीजे आगरा सीएल वर्मा, एडीजे शाहजहांपुर दिनेश चंद्र सैनी, शैलेंन्द्र सिंह परिहार आईएएस, अरविन्द कुमार द्विवेदी डायरेक्टर हैंडीकैप्ड , अरुण देव सिंह गौतम आईजी छत्तीसगढ़ को प्रतीक चिह्न व शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। इसके अलावा सम्मान पाने वालों में कन्हैयालाल द्विवेदी सेवानिवृत्त श्रमायुक्त, डा. प्रकाश चंद्र हितकारी, टीएन शुक्ला, गोविन्द दुबे प्रभारी दैनिक जागरण बांदा, अंतर्राष्टीय टेनिस बाल क्रिकेट खिलाड़ी रविकांत आदि रहे। इस मौके पर समारोह की अध्यक्षता संयुक्त रूप से वरिष्ट साहित्यकार धनंजय अवस्थी एवं पूर्व विधायक प्रेमदत्त तिवारी द्वारा की गयी।
इस मौके पर जिले में मरणासन्न स्थिति में पहुंच चुकी ससुरखदेरी नदी को स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती की अगुवाई में जिले की हस्तियां नया जीवन देने का निर्णय लिया गया । भिटौरा में गंगा नदी के किनारे ओमघाट पर रविवार दिनांक ५ दिसंबर २०१० को माटी से माटी का अभिनंदन समारोह में जिले की विभूतियों ने संकल्प लिया कि यह नदी फिर कलकल करती बहेगी।
ससुर खदेरी नदी जनपद के सिठौरा गांव से निकलकर यमुना में मिलती थी। अब सिठौरा से लेकर बड़नपुर तक इसका अस्तित्व ही समाप्त हो चुका है। नदी की जमीन पर किसान कब्जा कर खेती कर रहे हैं। स्वामी जी ने कहा बड़नपुर के आगे नदी को जीवित रखने के लिए अभियान चलाया जाएगा। इसमें नदी की खुदाई, किनारे पौधरोपण जैसे कार्य किये जायेंगे। इस कार्य के लिए स्वामी जी ने स्वयं दो ट्रैक्टर और एक छोटी जेसीबी मशीन देने की घोषणा की। साथ ही मंच पर विराजमान विभूतियों से भी सहयोग मांगा कि यदि सभी का थोड़ा-थोड़ा भी सहयोग मिलेगा तो हम अपने मिशन में कामयाब हो सकेंगे। दो उद्यमियों ने खुदाई में आर्थिक मदद की घोषणा मंच से की। इस अभियान की कमान स्वामी जी ने रामआसरे प्रजापति को सौंपी।
इसके अलावा स्वामी जी ने सम्मान समारोह का आयोजन करने वाले फतेहपुर फोरम द्वारा लिये गये एक और फैसले की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जनपद के युवाओं की सुविधा के लिए सभी तेरह विकास खंडों में सैनिक प्रशिक्षण केंद्र खोला जायेगा। स्वामी जी की इस अपील पर वहां लोगों ने समर्थन करने के साथ आर्थिक सहयोग देने का वादा किया।
कोई टिप्पणी नहीं:
Write टिप्पणियाँ