8 अक्तू॰ 2010

फतेहपुर : राजकीय इंटर कालेज का निर्माण कार्य दो साल से अधूरा


राजकीय इंटर कालेज का निर्माण  कार्य दो साल से अधूरा पड़ा है। निर्धारित बजट 98 लाख 51 हजार की धनराशि खर्च होने के बावजूद अभी तक 60 फीसदी ही निर्माण हुआ है। अधूरा निर्माण छोड़कर कार्यदायी  संस्था नदारद हो गई है। ऐसी हालत में बच्चों को जर्जर इमारत में पढ़ने को मजबूर होना पड़ रहा है।
(पुराना हॉस्टल: जिसे तोड़ कर नया भवन  बनाया जा रहा है)

(नया बना अधूरा भवन)
मालूम हो कि शहर में राजकीय इंटर कालेज भवन का निर्माण 1944 में कराया गया था। वर्तमान समय यह इमारत जर्जर हो गई है। दीवारों और छतों में दरारें आ जाने के कारण बरसात के मौसम में शिक्षण कार्य प्रभावित होता है। ऐसी हालत में शासन ने 2008 में जीआईसी के लिए नया भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान की थी। कुल 27 कक्षों वालों इस नए भवन का निर्माण कराने के लिए शासन ने 98 लाख 51 हजार रुपए की धनराशि स्वीकृत की थी।
शासन ने यह बजट सीधा कार्यदाई संस्था सी एंड डीएस उत्तर प्रदेश जलनिगम लखनऊ को हस्तांतरित की थी। 
कार्यदायी संस्था ने 2008 में ही विद्यालय के पुराने हास्टल को ध्वस्त कराकर नए भवन का निर्माण शुरू कराया था। भवन निर्माण का कार्य 60 फीसदी पूरा हो जाने पर कार्यदायी संस्था ने बजट समाप्त होने की बात कहकर पल्लू झाड़ लिया है। ऐसी हालत में भवन में दीवारें और छत तो पड़ गई है, लेकिन दरवाजे, खिड़की, प्लास्टर और फर्श  तथा रंगाई पुताई का काम नहीं हो पाया है। भवन की हालत यह है कि इसमें बच्चों का बैठ पाना संभव नहीं है। बताते हैं कि ठेकेदार भी निर्माण कार्य अधूरा छोड़कर गायब हो गया है। ऐसी हालत में बिखरी पड़ी निर्माण सामग्री भी लोग उठा ले गए हैं।
(नए अधूरे भवन का मुख्य द्वार)
इस सम्बन्ध में श्री शिवाकांत तिवारी, प्रधानाचार्य, राजकीय इंटर कालेज का कहना था कि  ‘‘भवन निर्माण से संबंधित कोई जानकारी नहीं है। शासन स्तर से निर्माण का ठेका ठेकेदार को दिया गया था। आगे निर्माण होगा या नहीं इस विषय में वह कुछ बताने की स्थिति में नहीं हैं।’’

2 टिप्‍पणियां:
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  1. यह तो सरे आम लूट मची हे जी,जिसेभी ठेका दिया होगा उस का नाम पता तो मालुम होगा ही, युही कोई किसी को एक करोड नही दे देता, जो भी प्रबधक हे उन्हे पकडा जाये....
    आप सब को नवरात्रो की शुभकामनायें,

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