फतेहपुर जिले का हर तीसरा व्यक्ति संगीनों के साये में रहना चाहता है। तभी तो समस्याओं की कम शस्त्र लाइसेंस चाहिए इसके ज्यादा आवेदन जमा हो रहे हैं। सिफारिशें भी कम नहीं मंत्री हों विधायक या फिर नौकरशाह कहीं न कहीं से जुगाड़ लगाकर असलहा हो जाये इसके लिए उन्हें माध्यम बनाया जाता है।
डीएम साहब विकास कार्य कर रहे हैं या नहीं इससे किसी का वास्ता नहीं रहता बस यही पता करते रहते हैं कि लाइसेंस कर रहे हैं या नहीं। यूं तो जिले में पिछले दो वर्षो से लाइसेंसों की संख्या में इजाफा नहीं हुआ है।
ऐसे जिलाधिकारी आये कि जिन्होंने इस सोच पर काम किया कि असलहों की संख्या बाइस हजार जिले की आबादी को देखते हुए कम नहीं है। ऐसा नहीं है कि इधर आये जिलाधिकारियों ने एक भी लाइसेंस न किया हो।
शस्त्र लाइसेंस में बंदूक, रायफल का रिवाज खत्म हो गया है अब तो सब रिवाल्वर की ही मांग कर रहे हैं। मुझे लगता है कि यह सब फ़ुरसतिया जी के द्वारा इतने अच्छे बनाए रिवाल्वर के कारण ही हो रहा है |
जिस तरह से शहर हो या ग्रामीण क्षेत्र लाइसेंस के लिए आवेदक आते हैं उससे यह साबित होता है कि शस्त्र लाइसेंस सुरक्षा के लिए नहीं बल्कि स्टेटस सिम्बल व समाज में हनक बनाने के लिए लिया जा रहा है। मुझे लगता है कि फतेहपुर के विकास के लिए समर्पित फतेहपुर फोरम से जुड़े हुए लोगों के लिए भी यह कम बड़ी चुनौती ना होगी |
हाँ, आजकल यह स्टेटस सिंबॉल ही बना हुआ है.
जवाब देंहटाएंरिवाल्वर लोग सुरक्षा के लिये खरीदने के साथ-साथ स्टेटस सिम्बल भी बना है।
जवाब देंहटाएंबिल्कुल सही कहा आपने ।
जवाब देंहटाएंएक ठो हमको दिलाय दो। ब्लॉग जगत में भी स्टेटस वाले रहने चाहिए।
जवाब देंहटाएंवैसे एक सर्वेक्षण करने में बुराई नहीं कि इससे जुड़े कित्ते लोगों के पास 'गन' है, गुनी तो सब हैं ही।
सही कह रहे हैं,मेरे ख्याल से आपके आस-पास जनपदों जैसे बांदा आदि में तो घर-घर फैशन है इसका.
जवाब देंहटाएंसार गर्भित खबर.
haaaaaaaa sir jeee tabhi aaye din iska istmaal bacche sucide karne ke ke liye kar rahe hai rajdhaani me kayi logo ne ye kaam kiya hai jyaadatar baacho ne kya kare ma baap nahi chala pa rahe hai to baache chaale rahe hai bas chalni chayieeeee
जवाब देंहटाएंहमें तो "इश्किया" सिनेमा का वह डायलोग याद आ रहा है.. "हमारे गांव में ****** धोने से पहले लोग तमंचा चलाना सीखते हैं.."
जवाब देंहटाएंसही बात है। धन्यवाद्
जवाब देंहटाएंसुरक्षा के लिए तो कम ही खरीदते हैं शायद... हमें तो लगता है रिवाल्वर पास हो तो उलटे उसकी सुरक्षा की चिंता और बढ़ेगी :)
जवाब देंहटाएंStatus Symbol ??
जवाब देंहटाएंmujhe nahi lagta aisa kuch koi sochega.
Pistol ya to security waalon ke paas hoti hai ya gundon ke paas, status symbol ki kya baat hai ismein ?
aaj kisi professor, doctor ya scientist ko pistol pakde dekh lun to kya uske prati izzat badh jaayegi man mein ?
yah bekaar ki baat hai..
मसिजीवी जी से सहमत . मेरे पास भी रिवाल्वर है स्मिथ एन्ड वेन्सन . अब तो लगता है जैसे हम उस्की सुरक्षा कर रहे है फ़िर तीन साल बाद लाइसेन्स रिनुबल बड सर दर्द है
जवाब देंहटाएंस्टेटस सिम्बल?? मुरख है अरे दो चार को मार दो पुरे भारत मै आप कa स्टेटस सिम्बल बन जायेगा...अजीब लोग है हर गलत काम से आज कल स्टेटस सिम्बल बनता है
जवाब देंहटाएंवाह, बढ़िया हमें तो पता नहीं चला की हमारा फतेहपुर शहर भी ब्लोगिया हो गया..अच्छी शुरुवात है..अच्छा लगा..मैं फतेहपुर जिले में बहुआ कसबे से हूँ...
जवाब देंहटाएं