वार्षिक आयोजन का रूप ले चुके दूधी कगार महोत्सव की तैयारियां परवान चढ़ी हुई है। शोभन सरकार के आध्यात्मिक निर्देशन में मा गंगा की कगार में होने वाला यह वार्षिक उत्सव शुक्ल पक्ष एकादशी से आरंभ होकर पूर्णमासी को संपन्न होगा। दो वर्षो में ही आसपास के जनपदों तक प्रचारित प्रसारित यह महोत्सव दूधीकगार आश्रम की प्रांतीय पहचान बनता जा रहा है।
वर्ष 2008 के पहले बीहड़ में लगने वाली हाट के जैसा रहा यह मेला गांव दूधीकगार और गुनीर जैसे आसपास के गावों तक ही सीमित था। बीते बरस यह लघु मेला महोत्सव बन गया। यहां आसपास के गांवों की जनता ही नहीं दूर दूरंत से जनसैलाब उमड़ पड़ा था। संत कई चमत्कार कर दिखाते है, सिद्घ संत शोभन सरकार का सानिध्य मिलते ही दो शताब्दी से आबाद इस आश्रम में अपार आदमी जुट गये।
दूसरे वर्ष आयोजित होने जा रहे इस मेले में लाखों लोग जुटेंगे ऐसा आयोजन समिति का विश्वास है। पांच दिन के लिये आयोजित होने वाले इस महोत्सव के लिये एक माह पूर्व से तैयारियां चल रही है। दर्जन भर ट्रैक्टर और सैंकड़ों मजदूर रात दिन तैयारियों में लगे हुये है, श्रृद्घालु भी आश्रम की सेवा में अपना सहयोग समर्पित कर रहे है। जीटी रोड से तीन किलोमीटर उत्तर दिशा में स्थित इस आश्रम के आसपास के सैकड़ों बीघे क्षेत्रफल में आयोजित होने वाले इस मेले में कई तरह के आकर्षण होंगे
29 को उद्घाटन- श्री सतगुरू दंगल कमेटी के अध्यक्ष रामभवन सिंह मोटू के मुतामिक 20 अक्टूबर को सुबह दस बजे जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक महोत्सव की शुरूआत करेगे। इसी दिन श्री माता चंद्रिका मंदिर बक्सर से भवानी की भव्य बारात श्री सदगुरु आश्रम दूधी कगार में आयेगी जिसमें रथ पर सवार मां का विग्रह होगा। भक्त और श्रद्घालु गाजे बाजे के साथ समारोह पूर्वक बारात लायेंगे। शोभन सरकार पूरे महोत्सव के समय इसी आश्रम में रहेंगे।
यह है महोत्सव में- मेले में जहा एक ओर हर छोटी बड़ी जरूरत की चीज मिल रही होगी वहीं दूसरी ओर वहां के वातावरण में मंत्र और ऋचायें गूंज रहीं होंगी। जहां रहट की आवाजें उस कगार में कोलाहल उत्पन्न करेंगी वहीं यज्ञ शाला से उठता सुंगधित धूम्र मेले में मौजूद हर जन को आध्यात्मिक सुवास से सराबोर करता जायेगा। मेले मनपसंद चीज खरीदी खाई जा सकेगी तो पांच दिन भण्डारा भी बराबर चलता रहेगा जिसमें कोई भी जाकर प्रसाद ग्रहण कर सकेगा। प्रभु प्रेमियों के लिये जहां रामलीला का मंचन किया जायेगा| वहीं पहलवानी प्रेमियों के लिये नामी पहलवानों की जोर आजमाइस देखने को होगी।
मेले में प्रतिदिन चलने वाले भण्डारे के लिये सबके सहयोग से अब तक सैंकड़ों कुंतल खाद्य सामग्री, घी, तेल, चीनी, मेवा, मसाले एकत्र हो चुके हैं। जो मेजबान जनपद के अलावा बांदा, हमीरपुर, कौशांबी, इलाहाबाद, रायबरेली, उन्नाव, कानपुर आदि जनपदों से आने वाले दर्शनार्थियों, श्रद्घालुओं, भक्तों के लिये होगा।
आप ने इस मेले के बारे बहुत सुंदर जानकारी दी, हो सके तो कुछ चित्र भी अवश्य लगाये.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
इस प्रकार की देशज रिर्पोटो से बहुत सी बेहतरीन जानकारिया मिलती है। आपके द्वारा आज कुछ नया ही जानने को मिला
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