देश की संसद की तर्ज पर सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज में छात्र संसद का गठन किया गया। पहले तो गुप्त मतदान से 84 छात्र सांसद चुने गये फिर संसदीय दल के नेता चुने गये अविजित श्रीवास्तव को प्रधानमंत्री पद से नवाजा गया। शपथ ग्रहण समारोह का शुभारंभ मां सरस्वती की पूजा अर्चना से शुरू हुआ। शिक्षाविद् श्रीमती शारदा मिश्रा ने प्रधानमंत्री सहित बारह परिषदों के मंत्री व 18 विभागों के पदाधिकारियों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलायी। प्रधानाचार्य सुशील कुमार ने श्रीफल व प्रतीक चिन्ह भेंट कर शिक्षाविद् का सम्मान किया। उन्होंने बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि अनुशासन ही मानव उन्नति का मूल मंत्र है। सभी छात्र सांसद व मंत्री अपने दायित्वों का ईमानदारी से निर्वहन करें। इससे विद्यालय की शैक्षिक प्रगति तो होगी साथ ही छात्रों के अंदर एक योग्यता उभरकर आयेगी। आचार्य राधेश्याम द्विवेदी ने छात्र संसद के गठन की प्रक्रिया को विस्तार से बताया। विज्ञान एवं तकनीकि मंत्री आशीष द्विवेदी, हिंदी भाषा परिषद के मंत्री आलोक रंजन, सामाजिक अध्ययन सुवीर, कला परिषद के प्रशांत कुमार, शिक्षण परिषद के अमन सिंह, नैतिक एवं अध्यात्मिक परिषद के सूर्यप्रताप, शारीरिक शिक्षा के अविनाश कुमार, योग शिक्षा के शुभम, संगीत परिषद के सूर्याश, संस्कृत परिषद के निखिल कुमार, अंग्रेजी भाषा के अविजित, अनुशासन परिषद के शुभम पांडेय, संसदीय कार्य का दायित्व सुनील कुमार को सौंपा गया। इसके अलावा कृष्ण कुमार, शिवम, आयुष्मान सिंह, रमाकांत, वीर प्रताप, आयुष, सुभाष, अवनीश को भी विभाग बांटे गये। कार्यक्रम में मुख्य रूप से अनिल कुमार मिश्र, रमेश शर्मा आदिरहे ।
विद्यामंदिर की छात्र संसद को हमने भी नजदीक से जाना है, यह एक अच्छी प्रक्रिया है, छात्रो को जगरूक करने की।
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