मैं भूत बोल रहा हूँ..........!!
मेरे प्यारे-प्यारे-प्यारे-प्यारे और बेहद प्यारे दोस्तों.........
आप सबको इस भूतनाथ का बेहद ह्रदय भरा प्रेम.........दोस्तों पिछले समय में मुझे मिले कईयों आमंत्रणों में में मैंने कुछ आमंत्रणों को स्वीकार कर अनेक ब्लॉग में लिख रहा था.....बेशक एक ही आलेख हरेक ब्लॉग में होता था....आज अपनी एक ब्लागर मित्र की आज्ञा या यूँ कहूँ कि एक प्यारी-सी राय मान कर अपने को आज से सिर्फ़ एकाध ब्लाग में सीमित किए दे रहा हूँ...ये ब्लॉग कम्युनिटी ब्लोगों में "कबीरा खड़ा बाज़ार में","रांची-हल्ला" और मेरा ख़ुद का एक मात्र निजी ब्लॉग "बात पुरानी है" तक ही सीमित रहेंगे....!!
बाकी ब्लॉगों के सम्पादकों से मेरा अनुरोध हैं....कि मेरा यह अनुरोध शीघ्रता-पूर्वक स्वीकारते हुए मुझे तुंरत अपने ब्लॉगों से हटा दें.....इतनी जगहों पर एक आलेख भी चस्पां कर पाने में मैं ख़ुद को असमर्थ पाता हूँ....हाँ,इतने दिनों तक मुझे आदर और प्रेम देने के लिए मैं तमाम सम्पादकों का आभारी हूँ....आगे के लिए मुझे क्षमा किया जाए....भूतनाथ अब ख़ास तौर पर "बात पुरानी है !!" पर ही पाया जाएगा.....वैसे भी भूतों के लिए पुराना होकर "गया-बीता" हो जन ही उचित होता है.....तो दोस्तों आप सबको मेरे प्रेम के साथ ऊपर बताये गए ब्लॉगों से मेरी विदा.....एक स्नेहिल ह्रदय आत्मा........भूतनाथ
हरकीरत जी आपकी इस प्रेम भरी राय के लिए मैं आपका भी शुक्रिया अदा करता हूँ....दरअसल मैं ख़ुद भी यही करना चाह रहा था....मगर कुछ प्रेमियों के प्रेम के कारण ऐसा कर नहीं पा रहा था....आज आपकी आज्ञा से ये मैं कर रहा हूँ.....................आपको भी धन्यवाद......!!
एक बात आपसे और कहूँ....अभी मुझे भूतनाथ ही रहने दें.....इसके पीछे कोई बात है.....जो मैं बाद में सबको बता पाउँगा.....आज आखिरी बार मैं सभी ब्लॉगों पर दिखायी दूंगा.....!!कल से सिर्फ़ अपने ब्लाग एवं दो कम्युनिटी ब्लॉगों पर ही रहूंगा.....मुझसे कोई गलती हुई हो तो मैं तहे-दिल से खेद प्रकट करता हूँ....और सबसे क्षमा माँगता हूँ.....!!
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