समाजवादी पार्टी ने फतेहपुर संसदीय सीट पर पहली बार अपना परचम लहराया। सपा के राकेश सचान ने 52 हजार 228 वोटों से बसपा के निवर्तमान सांसद महेंद्र निषाद को शिकस्त देकर पंद्रहवीं लोकसभा के चुनाव में विजयश्र्री हासिल करने में सफलता हासिल की। भाजपा प्रत्याशी तीसरे और कांग्रेस उ6मीदवार चौथे स्थान पर रहे। पराजित होने के बावजूद जहां बसपा प्रत्याशी जमानत बचाने में सफल रहे वहीं भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों की जमानत भी नहीं बच पाई। अंतिम 23 चक्रों की मतगणना समाप्त होने के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी सौरभ बाबू ने सपा प्रत्याशी को प्रमाण पत्र देकर सांसद बनने की बधाई दी।मतगणना के पहले चक्र से सपा प्रत्याशी की बढ़त का जो सिलसिला शुरू हुआ वह अंत तक जारी रहा। कुल चक्रों की मतगणना में सपा प्रत्याशी ने 2 लाख 18 हजार 953 वोट हासिल किए जबकि दूसरे स्थान पर निर्वतमान सांसद बसपा के महेंद्र निषाद को 1 लाख 66 हजार 725 वोट पर ही संतोष करना पड़ा। तीसरे स्थान पर रहे भाजपा के राधेश्याम गुप्ता को 1 लाख 15 हजार 711 वोट मिले। कांग्रेस के विभाकर शास्त्री को 1 लाख 1 हजार 853 वोटों पर संतोष करना पड़ा।
पूर्व प्रधानमंत्री और स्व. पिता विश्वनाथ प्रताप सिंह की छवि पर भाग्य आजमाने आए राजा अजेय प्रताप सिंह को सिर्फ 7 हजार 422 मतदाताओं ने ही पसंद किया। इसके अलावा अन्य प्रत्याशियों में जागेश्वर पाल को 10 हजार 693, इंजपा के उदितराज को 5 हजार 573, निर्दलीय मतीन को 1439, मुन्ना सिंह को 1657 मत मिले। इसी तरह रईस को 1586, विश्वस्वरूप मौर्य को 1708, अपनादल के डा. सोनेलाल पटेल को 10 हजार 628, अंशुमान सिंह को 6 हजार 31, जगदीश नरायण शर्मा को 5 हजार 790 वोट मिले। इनके अलावा दिलीप वर्मा को 5 हजार 830, नरसिंह पटेल को 23 हजार 488, महफजुल हक उर्फ राजू खान को 2852, हरिश्चंद्र स्वर्णकार को 6 हजार 444 वोट मिले।
पहले चक्र की मतगणना शुरू होने के बाद सपा प्रत्याशी का बढ़त बनाने का सिलसिला देख निर्दलीय प्रत्याशी तो शुरू में ही मतगणना पंडाल से निकल भागे। 10 चक्रों की मतगणना तक बसपा, भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशी मतगणना पंडाल पर रुके रहे लेकिन इसके बाद सब्र का बांध टूट गया और एक-एक करके अपने अभिकर्ताओं के साथ प्रत्याशी बाहर की राह पकड़ने लगे। तेरह चक्रों का परिणाम आने तक पंडाल के भीतर केवल सपा प्रत्याशी और उसके अभिकर्ता ही रह गए।
पूर्व प्रधानमंत्री और स्व. पिता विश्वनाथ प्रताप सिंह की छवि पर भाग्य आजमाने आए राजा अजेय प्रताप सिंह को सिर्फ 7 हजार 422 मतदाताओं ने ही पसंद किया। इसके अलावा अन्य प्रत्याशियों में जागेश्वर पाल को 10 हजार 693, इंजपा के उदितराज को 5 हजार 573, निर्दलीय मतीन को 1439, मुन्ना सिंह को 1657 मत मिले। इसी तरह रईस को 1586, विश्वस्वरूप मौर्य को 1708, अपनादल के डा. सोनेलाल पटेल को 10 हजार 628, अंशुमान सिंह को 6 हजार 31, जगदीश नरायण शर्मा को 5 हजार 790 वोट मिले। इनके अलावा दिलीप वर्मा को 5 हजार 830, नरसिंह पटेल को 23 हजार 488, महफजुल हक उर्फ राजू खान को 2852, हरिश्चंद्र स्वर्णकार को 6 हजार 444 वोट मिले।
पहले चक्र की मतगणना शुरू होने के बाद सपा प्रत्याशी का बढ़त बनाने का सिलसिला देख निर्दलीय प्रत्याशी तो शुरू में ही मतगणना पंडाल से निकल भागे। 10 चक्रों की मतगणना तक बसपा, भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशी मतगणना पंडाल पर रुके रहे लेकिन इसके बाद सब्र का बांध टूट गया और एक-एक करके अपने अभिकर्ताओं के साथ प्रत्याशी बाहर की राह पकड़ने लगे। तेरह चक्रों का परिणाम आने तक पंडाल के भीतर केवल सपा प्रत्याशी और उसके अभिकर्ता ही रह गए।
आभार इतने विस्तार में चुनाव परिणाम की जानकारी का.
जवाब देंहटाएंnews mein sab yahi chal raha hai
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