9 मई 2009

आर्थिक तंगी के बीच प्रशासनिक सेवा में 561वीं रैंक हासिल

 

मेधा किसी की मोहताज नहीं है। बसोहनी के मनोज कुमार ने यही करके दिखाया। आर्थिक तंगी के बीच बड़े किसान भाई ने इनके हौसले को बनाये रखा तभी तो वर्ष 1999 में लोवर पीसीएस, 2002 में पीसीएस की परीक्षा उत्तीर्ण की। आईएएस बनने का हौसला बना रहा और नौकरी के दौरान ही पढ़ाई करके 2008 में भारतीय प्रशासनिक सेवा में 561वीं रैंक हासिल किया।

फतेहपुर मुख्यालय से पंद्रह किमी दूर दिशा में बसोहनी गांव के मनोज कुमार ने कक्षा पांच तक की शिक्षा गांव के प्राथमिक विद्यालय से हासिल किया। जूनियर तक की शिक्षा एचएन बहुगुणा इण्टर कालेज हुसेनगंज से प्राप्त की। इसके बाद एएस इण्टर कालेज फतेहपुर से हाईस्कूल, अशोक इण्टर कालेज शाखा से इण्टर (कृषि) उत्तीर्ण किया। चन्द्रशेखर कृषि विश्वविद्यालय कानपुर से स्नातक व परास्नातक की डिग्री हासिल की। साधारण कृषक परिवार में जन्मे मनोज कुमार को शुरू से ही शिक्षण कार्य में आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा। 1999 बैच में लोवर पीसीएस में चयन हो गया और 2002 में सचिवालय लखनऊ में समीक्षा अधिकारी के पद पर नियुक्ति हो गयी। नौकरी के दौरान ही मनोज कुमार ने लगन और मेहनत से पढ़ाई की। 2002 में पीसीएस में चयन हो गया जिसमें सेल टैक्स अधिकारी बांदा व चित्रकूट कार्यालय में कार्यरत रहे। वर्तमान में प्रशिक्षण केन्द्र लखनऊ में तैनात हैं।

भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयन पर खुशी जाहिर करते हुए मनोज कुमार कहते हैं कि बसोहनी के ही सुभाष कुमार के आईएएस में आने के बाद परिवार व रिश्तेदार सभी उसे भी आईएएस बनने के लिए प्रेरित करने लगे और यही हौसला उसकी सफलता का आधार बन गया। मनोज कहते हैं कि भारतीय प्रशासनिक सेवा जैसे पद में जनता की सेवा का मौका मिलता है।

(समाचार साभार - दैनिक जागरण)

5 टिप्‍पणियां:
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  1. थोडी सी प्रेरणा और ध्रिड इच्छा शक्ति हमें सफलता की और ले जाती है. अच्छा प्रेरणात्मक लेख. आभार.

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  2. ये सफलता सिद्ध करती है कि मन में लगन हो .. तो मनुष्‍य कुछ भी कर सकता है।

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  3. मन की लग्न सब कम करवा यह लेती है ..अच्छा लगा जान कर शुक्रिया

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  4. जो ठान लेता है कुछ करने का, वो करके ही दम लेता है।

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  5. मनोज को हार्दिक बधाई। सच कहा गया है प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती।
    -Zakir Ali ‘Rajnish’
    { Secretary- TSALIIM / SBAI }

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