जनमोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व प्रधानमंत्री स्व. वीपी सिंह के पुत्र अजेय सिंह जो पिछले एक पखवारे से अपने पिता के कार्यो के नाम पर वोट मांग रहे हैं। उनको हर वर्ग का समर्थन मिल रहा है। स्व. वीपी सिंह यहां से दो बार चुनाव लड़ चुके हैं और यहां के मतदाताओं ने उन्हें प्रधानमंत्री की कुर्सी तक में बैठाया। अजेय सिंह के अनुसार फतेहपुर हमारे पिता की कर्मभूमि रही है और उन्होंने यहां विकास का पहिया घुमाया। देश में आरक्षण व्यवस्था लागू करके पिछड़े वर्गो में मुस्कान भरी वहीं मुस्लिमों के बीच अच्छी तस्वीर पेश की। जिसका परिणाम आज अजेय सिंह को मिल रहा है। पिछड़े वर्ग के मतदाताओं व मुस्लिमों का समर्थन देखकर अजेय सिंह काफी गदगद हैं और उनको आशा है कि इस चुनाव में जरूर सफल होंगे।
संसदीय क्षेत्र में अपना दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनेलाल पटेल भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। फूलपुर का चुनाव संपन्न होने के बाद उन्होंने पूरी ताकत इस संसदीय क्षेत्र में झोंक दी है। श्री पटेल का फतेहपुर के धाता, किशुनपुर, जहानाबाद, अमौली, देवमई आदि क्षेत्रों में व्यापक प्रभाव है। वर्ष 2002 में उनके दल का प्रत्याशी अशोक कैथल किशुनपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था, जिसे चौबीस हजार पांच सौ छियानवे मत प्राप्त हुये थे और वह तीसरे नंबर पर था। श्री पटेल समय-समय पर फतेहपुर में आकर यहां की समस्याओं से रुबरू होते हैं और आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। श्री पटेल का दावा है कि उन्हें इस चुनाव में उनकी नीतियों को सफल बनाने के लिये उन्हें मतदाता जीत अवश्य दिलायेंगे।
इंडियन जस्टिस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. उदित राज आईएएस जिन्होंने अपनी नौकरी ठुकराकर बसपा का विकल्प अपनी पार्टी को बताते हुये चुनाव मैदान में उतरे हैं। डा. राज के अनुसार इलाहाबाद व कानपुर के बीच बसे इस जनपद में विकास यहां शून्य है। बिहार से भी बदतर जिला है। ऐसी स्थिति में उन्होंने यहां चुनाव लड़ने का फैसला किया और यदि यहां के मतदाता चुनाव जिताकर संसद भेजेंगे तो वह यहां विकास की गंगा बहा देंगे। उन्होंने कहा कि बहुजन समाजवादी पार्टी में माफियाओं का राज है, मायावती जिनको अपना वोट बैंक समझती है, उन्हीं पर इन माफियाओं द्वारा कहर ढाया जा रहा है। बसपा के जुल्मों के खिलाफ वह चुनाव मैदान में हैं। इंडियन जस्टिस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को कई इलाकों में हाथों हाथ लिया जा रहा है। उनकी होने वाली सभाओं में भीड़ भी कम नहीं रहती। उनकी विचारधारा को लोग सुनते हैं।
इस संसदीय क्षेत्र में यह तीनो महारथी क्या गुल खिलायेंगे यह तो चुनाव परिणाम ही बतायेगा।
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