राष्ट्रकवि पंडित सोहन लाल द्विवेदी पुस्तकालय एवं वाचनालय लंबे समय से साहित्य प्रेमियों को मुंह चिढ़ा रहा है। कारण भवन के उद्घाटन के पांच वर्ष से अधिक का समय गुजर चुका है। यहां साहित्य नहीं है। ऐसे में यहां के साहित्य प्रेमी मायूस है।
स्वतंत्रता के आंदोलन में अपनी कविताओं के माध्यम से क्रांतिकारियों में जोश भरने वाले राष्ट्रकवि पंडित सोहन लाल द्विवेदी की यादगार में नगर के तत्कालीन राज्यमंत्री राजेंद्र सिंह पटेल ने पुस्तकालय एवं वाचनालय का निर्माण कराया था। किंतु दुर्भाग्य भवन में साहित्य प्रेमियों के लिए यहां साहित्य नहीं है। ऐसे में यहां के साहित्य प्रेमियों को पीड़ा है। नगर के वरिष्ठ साहित्यकार बेदप्रकाश मिश्रा का कहना है कि साहित्य मुहैय्या कराने के लिए कई बार बैठकें हुई। किंतु बैठकें औचित्य हीन रहीं। परिणाम स्वरूप साहित्य क्रय नहीं किया जा सका है। जबकि नगर पालिका के पास इस मद की धनराशि भी है। इस पुस्तकालय समिति के सदस्य लोकनाथ पांडेय का कहना है कि चुनाव के बाद साहित्य हेतु बैठक पुन: होगी। जिसमें साहित्य को सूचीबद्ध कर खरीददारी करायी जायेगी।
स्वतंत्रता के आंदोलन में अपनी कविताओं के माध्यम से क्रांतिकारियों में जोश भरने वाले राष्ट्रकवि पंडित सोहन लाल द्विवेदी की यादगार में नगर के तत्कालीन राज्यमंत्री राजेंद्र सिंह पटेल ने पुस्तकालय एवं वाचनालय का निर्माण कराया था। किंतु दुर्भाग्य भवन में साहित्य प्रेमियों के लिए यहां साहित्य नहीं है। ऐसे में यहां के साहित्य प्रेमियों को पीड़ा है। नगर के वरिष्ठ साहित्यकार बेदप्रकाश मिश्रा का कहना है कि साहित्य मुहैय्या कराने के लिए कई बार बैठकें हुई। किंतु बैठकें औचित्य हीन रहीं। परिणाम स्वरूप साहित्य क्रय नहीं किया जा सका है। जबकि नगर पालिका के पास इस मद की धनराशि भी है। इस पुस्तकालय समिति के सदस्य लोकनाथ पांडेय का कहना है कि चुनाव के बाद साहित्य हेतु बैठक पुन: होगी। जिसमें साहित्य को सूचीबद्ध कर खरीददारी करायी जायेगी।
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