शहर को साफ सुथरा रखने के लिये नगर पालिका परिषद हाथ पैर तो खूब मार रहा है, लेकिन उसकी कवायद का जनता को कोई खास लाभ नहीं मिल पा रहा। आधुनिक कूड़ाघर का प्रस्ताव ठेकेदारों की हीलाहवाली के चलते पूरी तरह से मजाक बन गया है। टेडर होने के बावजूद कूड़ाघरों के निर्माण में ठेकेदार कोई रूचि नहीं दिखा रहे।
कूड़े का ठिकाना लगाना पालिका के लिये टेढ़ी खीर के समान है। नगर पालिका के स्थायी कूड़ाघर बनवाने का वादा हवाहवाई निकला। स्थाई कूड़ाघर न होने से सफाई कर्मी सड़कों के किनारे कचरा एकत्र कर देते है, जिससे ढेर से निकलने वाली तीखी दुर्गध का सामना आसपास के रहने वालो और राहगीरों को करना पड़ता है। यहीं नहीं सफाई कर्मियों और जनता के बीच अक्सर तू तू मैमै होती रहती है। ईओ ने बताया कि बहुत जल्द निर्माण कार्य शुरू करवा दिया जायेगा।
शहर में लालाबाजार और रस्तोगीगंज सरांय के पास दो कूड़ाघर बने है। इसके अलावा आईटीआई रोड, वर्मा चौराहा, शादीपुर रोड, एसपी आवास के पास आदि स्थान पर टीन शेड द्वारा अस्थायी रूप से बने कूड़ाघरों में कचरा पड़ा रहता है। कूड़े के ढेरों में आवारा पशु खूब गंदगी फैलाते है। जो लोगों के लिये परेशानी का सबब बने है। ज्ञात हो कि अधिशासी अधिकारी अरूण कुमार गुप्ता ने यहां ज्वाइन करने के बाद लखनऊ महानगर की तर्ज पर फतेहपुर में पांच आधुनिक कूड़ा घर और सफाई रैप बनवाने की पहल की थी, लेकिन अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया।
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