नया वित्तीय साल शहरवासियों को खुशियों की सौगात लेकर आ रहा है। साल की शुरुआत तक जलकल विभाग के छह नए नलकूप चलने जा रहे हैं। इनके चलने से प्रत्येक शहरवासी को निर्धारित मानक के अनुरूप पेय जलापूर्ति मिलने लगेगी। जबकि अभी तक लोगों को आवश्यकता के विपरीत आधे अधूरे पानी में ही गुजारा करना पड़ रहा था। ऐसी हालत में साफ है 29 नलकूपों का संचालन शुरू होते ही गरमी के मौसम में पैदा होने वाली पानी की किल्लत से छुटकारा मिल सकेगा।
शहरवासी लंबे समय से गरमी के मौसम में पीने के पानी के संकट का सामना करते आ रहे हैं। बिजली आपूर्ति पर निर्भर नलकूपों के संचालन से यह स्थिति भयावह हो जाती है क्योंकि गरमी के मौसम में आपूर्ति मुश्किल से आठ घंटे ही मिल पाती है। ऐसी स्थिति में जलापूर्ति भी अधिकतम आठ घंटे हो पाती है, लेकिन नलकूपों की संख्या बढ़ने से अब पर्याप्त मात्रा में जलापूर्ति मिल सकेगी। मालूम हो कि अभी तक नलकूपों की संख्या कुल 23 थी, लेकिन छह नए नलकूप चालू हो जाने से यह संख्या बढ़कर 29 हो जाएगी।
जलकल विभाग के मानक अनुसार एक नलकूप प्रति मिनट 1500 लीटर पानी निकालेगा करता है। इस तरह से एक नलकूप एक घंटे में 90000 लीटर पानी डिस्चार्ज करेगा। इस तरह से अगर चौबीस घंटे में कुल आठ घंटे आपूर्ति मिलती है तो नलकूप भी आठ घंटे ही चलेंगे। इस तरह से आठ घंटे में एक नलकूल 720000 लीटर पानी की आपूर्ति करेगा। सभी नलकूप अगर एक साथ चलेंगे तो पूरे समय में 2 करोड़ 8 लाख 80 हजार लीटर जलापूर्ति होगी।
वर्तमान समय में शहर की आबादी एक लाख 60 हजार है। अगर आबादी को कुल जलापूर्ति में भाग दे दिया जाए, तो प्रत्येक व्यक्ति के हिस्से में 130 लीटर पानी आता है। ऐसी स्थिति में साफ है कि नए वित्तीय साल की शुरूआत से प्रत्येक व्यक्ति को मानक के अनुरूप पर्याप्त मात्रा में पीने का पानी मिलेगा। इसके अलावा अगर अधिक विद्युत आपूर्ति मिलती है, तो जलापूर्ति का मानक भी बढ़ जाएगा।
जलकल प्रभारी केशव प्रसाद ने बताया कि आधा दर्जन नए नलकूप बनकर तैयार हो चुके हैं, जिनमें तीन इसी महीने में चालू हो जाएंगे। इसके अलावा तीन अन्य नलकूप चालू वित्तीय साल के अंतिम महीने में चालू कर दिए जाएंगे। इस तरह से 23 पुराने नलकूप मिलाकर कुल नलकूपों की संख्या 29 हो जाएगी। ऐसी हालत में साफ है कि गरमी के मौसम नए पुराने सभी नलकूपों से जलापूर्ति शुरू हो जाने से पर्याप्त मात्रा में लोगों को पीने का पानी मिल सकेगा।
शहरवासी लंबे समय से गरमी के मौसम में पीने के पानी के संकट का सामना करते आ रहे हैं। बिजली आपूर्ति पर निर्भर नलकूपों के संचालन से यह स्थिति भयावह हो जाती है क्योंकि गरमी के मौसम में आपूर्ति मुश्किल से आठ घंटे ही मिल पाती है। ऐसी स्थिति में जलापूर्ति भी अधिकतम आठ घंटे हो पाती है, लेकिन नलकूपों की संख्या बढ़ने से अब पर्याप्त मात्रा में जलापूर्ति मिल सकेगी। मालूम हो कि अभी तक नलकूपों की संख्या कुल 23 थी, लेकिन छह नए नलकूप चालू हो जाने से यह संख्या बढ़कर 29 हो जाएगी।
जलकल विभाग के मानक अनुसार एक नलकूप प्रति मिनट 1500 लीटर पानी निकालेगा करता है। इस तरह से एक नलकूप एक घंटे में 90000 लीटर पानी डिस्चार्ज करेगा। इस तरह से अगर चौबीस घंटे में कुल आठ घंटे आपूर्ति मिलती है तो नलकूप भी आठ घंटे ही चलेंगे। इस तरह से आठ घंटे में एक नलकूल 720000 लीटर पानी की आपूर्ति करेगा। सभी नलकूप अगर एक साथ चलेंगे तो पूरे समय में 2 करोड़ 8 लाख 80 हजार लीटर जलापूर्ति होगी।
वर्तमान समय में शहर की आबादी एक लाख 60 हजार है। अगर आबादी को कुल जलापूर्ति में भाग दे दिया जाए, तो प्रत्येक व्यक्ति के हिस्से में 130 लीटर पानी आता है। ऐसी स्थिति में साफ है कि नए वित्तीय साल की शुरूआत से प्रत्येक व्यक्ति को मानक के अनुरूप पर्याप्त मात्रा में पीने का पानी मिलेगा। इसके अलावा अगर अधिक विद्युत आपूर्ति मिलती है, तो जलापूर्ति का मानक भी बढ़ जाएगा।
मार्च तक चालू होंगे नलकूप
जलकल प्रभारी केशव प्रसाद ने बताया कि आधा दर्जन नए नलकूप बनकर तैयार हो चुके हैं, जिनमें तीन इसी महीने में चालू हो जाएंगे। इसके अलावा तीन अन्य नलकूप चालू वित्तीय साल के अंतिम महीने में चालू कर दिए जाएंगे। इस तरह से 23 पुराने नलकूप मिलाकर कुल नलकूपों की संख्या 29 हो जाएगी। ऐसी हालत में साफ है कि गरमी के मौसम नए पुराने सभी नलकूपों से जलापूर्ति शुरू हो जाने से पर्याप्त मात्रा में लोगों को पीने का पानी मिल सकेगा।
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