पिछले एक सप्ताह से काउंसिलिंग के साथ ही अभ्यर्थियों की तैनाती की कवायद विभाग कर रहा है। दस फरवरी तक स्कूल भेजने के निर्देशों में अभी तक अभ्यर्थियों के हाथ में नियुक्ति पत्र नहीं मिल पाया है। लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के पहले शिक्षकों की तैनाती सुनिश्चित करने के लिये विभाग ने नियुक्ति पत्र हाथों-हाथ देने का मन बनाया है। पहले यह था कि सोमवार को हर हाल में नियुक्ति पत्र दे दिये जायेंगे। शायद यही सोचकर अभ्यर्थी सुबह से ही बेसिक शिक्षा कार्यालय में डेरा जमा दिया। मजे की बात तो यह रही कि कार्यालय में कोई भी यह बताने वाला नहीं था कि नियुक्ति पत्र मिलेगा या नहीं। परेशान अभ्यर्थियों ने कई बार हो-हल्ला किया और डीएम कार्यालय तक आने की रणनीति बनाते रहे।
तैनाती में जिलाधिकारी की अनुमति मिलने के साथ ही बेसिक शिक्षा विभाग ने स्कूल आवंटन में बेसिक शिक्षा नियमावली के अध्यादेश को लागू करते हुए वर्ष 2001 व 2007 के अभ्यर्थियों की संयुक्त सूची तैयार की। सामान्य के अभ्यर्थियों की पहले तैनाती की गयी इसके बाद पिछड़ी जाति और फिर अनुसूचित जाति के अभ्यर्थियों को रोस्टर के अनुसार स्कूल आवंटित किये गये। बताते हैं कि न्यूनतम मेरिट पर स्कूल आवंटन में पहले हथगाम, ऐरायां, विजयीपुर ब्लाक के स्कूलों को भरा गया फिर असोथर, हंसवा व अमौली ब्लाक को लिया गया।
बेसिक शिक्षा अधिकारी आरके पंडित ने कहा कि अभ्यर्थियों को मंगलवार को नियुक्ति पत्र हर हाल में दे दिये जायेंगे। काउंसिलिंग के साथ ही अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की जांच कर ली गयी है। नियुक्ति पत्र के साथ मेडिकल सर्टीफिकेट, शपथ पत्र जैसी औपचारिकतायें पूरी करा ली जायेंगी।
जिला चिकित्सालय में जल्द नौकरी पाने की ललक में अभ्यर्थियों में मेडिकल सर्टीफिकेट बनवाने के लिये मारामारी देखी गयी। एक सैकड़ा से अधिक अभ्यर्थी नेत्र चिकित्सालय सहित अन्य चिकित्सकों के पास अपना प्रमाण पत्र जारी करवाने के लिये लगे रहे।
चलिये जिन्हे नोकरी मिली उन्हे बहुत बहुत बधाई, लेकिन यह तो जनता का हक है फ़िर इतनी आनाकानी क्यो ??
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