10 फ़र॰ 2009

ऐसा पासा पलटा कि एक पखवारे में ही परीक्षा रिजल्ट के साथ अब नियुक्ति पत्र लेने का मौका

 

काश सोमवार जैसा दिन रोज आये तो हर किसी की जिन्दगी रोशन होने में देर नहीं लगेगी। डायट व बेसिक शिक्षा कार्यालय में हर तरफ खुशियां ही इतरा रहीं थीं। कोई नियुक्ति पत्र के लिये काउंसिलिंग की लाइन में खड़ा था तो कोई नौकरी की राह मिलने की खुशी में इतरा रहे थे। खासकर 2001 की सूची वाले अभ्यर्थियों के चेहरों में खुशी ही नहीं जिन्दगी का मकसद मिल जाने का रंगीन सपना तैर रहा था। आखिर तैरें क्यों न। शिक्षक बनने की उम्मीद ही खत्म हो गयी थी फिर ऐसा पासा पलटा कि एक पखवारे में ही परीक्षा रिजल्ट के साथ अब नियुक्ति पत्र लेने का मौका मिल गया।

हर चेहरे में तैरती खुशी का यह माहौल और कहीं नहीं डायट और बेसिक शिक्षा कार्यालय में देखा गया। यूं तो काउंसिलिंग के लिये सुबह दस बजे बुलाया गया था, लेकिन शैक्षणिक सहित अन्य दस्तावेज लेकर अभ्यर्थी नौ बजे से ही कार्यालय में डट गये। शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मानें तो यह पहला मौका है जब एक साथ 2001, 2004 व 2007 के अभ्यर्थियों को एक साथ बुलाकर किसी को नौकरी तो किसी को नौकरी के प्रशिक्षण के लिये बुलाया गया है। डायट में 2004 की मेरिट सूची जारी कर एक सौ छियानबे अभ्यर्थियों के बीटीसी प्रशिक्षण के लिये तीन सौ बानवे अभ्यर्थियों को बुलाया गया था। दो दिन तक चलने वाली इस काउंसिलिंग के पहले दिन तकरीबन डेढ़ सौ अभ्यर्थी आये। पांच साल पहले बीटीसी के लिये फार्म डाला था अब मेरिट भले ही दूना की जारी की गयी हो, लेकिन नाम आने की खुशी में अभ्यर्थी काउंसिलिंग में लाइन लगाये रहे। काउंसिलिंग में आये राकेश ने कहा कि अब तो उम्मीद ही नहीं थी कि 2004 के आवेदन पर बुलाया जायेगा। ऊपर वाले का शुक्र है कि मेरिट में नाम आ गया अब तो यह लग रहा है कि शिक्षक बनने का सपना पूरा हो जायेगा। यह पूछने पर कि कैसा लग रहा है कहा कि अकेले मैं नहीं बल्कि पूरे घर के लोग खुश हैं। प्रशिक्षण में नाम आने पर भगवान से मनौती भी मांगी है।

2004 की काउंसिलिंग के पहले दिन साठ फीसदी अभ्यर्थी नहीं आये। ऐसा माना जा रहा है कि दस फरवरी को होने वाली काउंसिलिंग में भी कुछ लोग आ सकते हैं। बीस फीसदी तो ऐसे अभ्यर्थी होंगे जो कहीं दूसरी नौकरी में लग गये होंगे। दूना मेरिट पर आये अभ्यर्थी यही मनाते रहे कि कम संख्या में लोग आवें तो मेरिट डाउन होगी और उनका नाम बीटीसी 2004 के प्रशिक्षण में आ जाये। उधर बेसिक शिक्षा कार्यालय में तो नौकरी मिलने की खुशियां तैर रही थीं। विशिष्ट बीटीसी के साढ़े तीन सौ व बीटीसी 2001 के लगभग बयासी अभ्यर्थियों को नौ व दस फरवरी को काउंसिलिंग के लिये बुलाया गया। पहले दिन अनुसूचित जाति, पिछड़ी जाति के अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग में शत-प्रतिशत अभ्यर्थी आये। बेसिक शिक्षा अधिकारी आरके पंडित सहयोगियों के साथ काउंसिलिंग में अभ्यर्थियों से शपथ पत्र के साथ अन्य आवश्यक दस्तावेज लेते रहे। मूल प्रमाण पत्रों से जांच के साथ अभ्यथियों को वापस कर दिया गया। बताते हैं कि स्कूल के आवंटन के साथ सभी अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र पंद्रह फरवरी के पहले दे दिया जायेगा। शिक्षा विभाग के अधिकारियों में इस बात की खुशी रही कि लंबे समय से शिक्षकों की चल रही कमी से अब निजात मिल जायेगा। पंद्रह फरवरी के पहले जिले को चार सौ से अधिक शिक्षक मिल जायेंगे ऐसे में हर विद्यालय में दो शिक्षक का मानक पूरा हो जायेगा। उधर अभ्यर्थी काउंसिलिंग के साथ ही मनचाहे विद्यालय की जुगाड़ में लगे रहे।

अव्यवस्थाओं से जूझे अभ्यर्थी

काउंसिलिंग के लिये अभ्यर्थियों की भीड़ बढ़ गयी तो डायट व बीएसए कार्यालय की व्यवस्थायें भी बौनी पड़ गयीं। स्थिति यह रही कि काउंसिलिंग के लिये विशिष्ट बीटीसी 2007 के अभ्यर्थियों को बुला तो लिया गया था, लेकिन उन्हें उत्तीर्ण का अंकपत्र भी नहीं दिया गया था। ऐसे में वह दो बजे तक भटकते रहे इसके बाद ही काउंसिलिंग शुरू हुई जो देररात तक चलती रही।

शिक्षा विभाग के अधिकारियों के सामने मुश्किल यह है कि राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद के निदेशक ने दस फरवरी तक बीटीसी 2001 व विशिष्ट बीटीसी 2007 के उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की तैनाती दस फरवरी तक करने के निर्देश दिये हैं। सैकड़ों अभ्यर्थियों की एक साथ भीड़ आ जाने से शिक्षा विभाग के कार्यालयों में मेला जैसा माहौल रहा। न तो कोई यह बताने वाला था कि काउंसिलिंग कब से शुरू होगी और न ही बीएसए कार्यालय में दो बजे तक काउंसिलिंग का काउन्टर लगाया गया। बेसिक शिक्षा अधिकारी आरके पंडित ने कहा कि मेरिट सूची डायट से विलम्ब से मिलने के कारण काउंसिलिंग देर से शुरू हो पायी है। उन्होंने कहा कि जो भी अभ्यर्थी आये हैं सभी की काउंसिलिंग आज ही कर ली जायेगी किसी को वापस नहीं किया जायेगा।

2 टिप्‍पणियां:
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  1. भगवान देते हें तो छप्‍पर फाडकर.......उन सबों को बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं।

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  2. उन सब को बधाइ और आपको भी कि आपने हमे उनकी खुशि मे शामिल किया धन्यवाद्

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