7 जन॰ 2009

शादीपुर क्रासिंग में जाम की समस्या लोगों के सिर चढ़ कर बोल रही ...

 

शहर के रेलवे क्रासिंग में जाम की समस्या आम हो गई है। जहां गेट के खुलने के इंतजार में मुसाफिर घंटों खडे़ रहते हैं। लोग धैर्य छोड़ कर गेट के नीचे से छोटे वाहन निकाल कर निकलने लगते हैं। सुबह कई घंटे क्रासिंग बंद होने से दूर तक वाहन कतारबद्ध खडे़ रहते हैं। गेट खुलते ही वाहन निकलना तो दूर लोगों को पैदल निकलना मुश्किल हो जाता है। इस दौरान क्रासिंग पर वाहन रेंगते रहते हैं। कई बार भीड़ निकलने से पहले ही क्रासिंग बंद कर दी जाती है।शहर के दोनों रेलवे क्रासिंग से आवागमन होने के बावजूद लोगों को जाम की समस्या से निजात नहीं मिल पा रही है। सुबह शाम यह समस्या लोगों को परेशान कर देती है। खास कर शादीपुर क्रासिंग में जाम की समस्या लोगों के सिर चढ़ कर बोल रही है। 10 बजे से 12 बजे और शाम चार बजे से सात बजे के बीच क्रासिंग पार जाना मुश्किलों भरा है। लगातार कई रेलगाçड़यों के ट्रैक से निकलने से काफी देर तक गेट बंद रहता है। इंतजार में खडे़ वाहन चालकों का आखिर में धैर्य छूट जाता है। लोग जान जोखिम में डाल कर गेट के नीचे से वाहन झुका कर निकाल कर क्रासिंग पार करते हैं।

लोगों का कहना है कि हरिहरगंज में उपरिगामी सेतु निर्माण शुरू होने से क्रासिंग से आवागमन बंद कर दिया जाएगा। शादीपुर क्रासिंग में लोड बढ़ने से समस्या दो गुनी हो जाएगी। तब क्रासिंग से निकलना मुश्किलों भरा होगा। लोगों का कहना है कि समस्या को देखते हुए प्रशासन को क्रासिंग से चार पहिया समेत भारी वाहनों के आवागमन पर रोक लगा कर इन वाहनों को ओवर ब्रिज से पार कराना चाहिए। एसएस वीके शर्मा ने बताया कि बंद क्रासिंग से निकलना रेलवे एक्ट में अपराध है लेकिन स्थिति को देखते हुए आरपीएफ किसी के खिलाफ मामला दर्ज नहीं करती है। सुबह शाम ट्रैक पर ट्रेनों की भरमार होने पर कई घंटे क्रासिंग बंद रहने से समस्या लाइलाज हो जाती है।

3 टिप्‍पणियां:
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  1. यह लगभग हर शहर की परेशानी है. हमारे शहरों में ट्रेफिक मेनेजमेंट जैसी कोई चीज नहीं है. क्योंकि केवल आम आदमी ही इस से परेशान होता है, किसी को इस की चिंता भी नहीं है. दो-दो घंटे क्रासिंग बंद रहना शहर प्रशासन के लिए शर्म की बात है, पर शर्म महसूस करने में इन्हें शर्म आती है.

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  2. जाम की समस्या लगभग हर शहर की समस्या बन चुकी है. गाड़ियों की संख्या जिस तरह से बढ़ रही है, उसके मुकाबले इन्फ्रास्ट्रक्चर में बदलाव न होना समस्या का मूल कारण है. आपने अपन शहर की इस समस्या को बखूबी लिखा है.

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