सर्दीली हवाओं के डोलने से अच्छे अच्छे डोल गये है। लगातार गलन बढ़ने से आम जनजीवन अस्त व्यस्त होकर रह गया है, जबकि नगर पालिका लोगों को गलन भरी ठंड से निजात दिला पाने में पूरी तरह से नकारा साबित हो रही है। पालिका का जगह जगह अलाव जलाने का दावा पूरी तरह खोखला निकला। हकीकत तो यह है कि पालिका कर्मियों ने दो चार स्थानों में लकड़ियां डालकर पल्ला झाड़ लिया है। जबकि अलाव जलवाने के लिये पालिका ने पचास स्थान चिन्हित किये थे।
सुबह शाम पड़ रहे भयंकर कोहरे और गलन भर्री सर्दी से जिंदगी ठहर सी गयी है। बस स्टैड और रेलवे स्टेशन में चाय पान की दुकानों में मुसाफिर हाथ सेंक ते नजर आ रहे है। कंपकपाती ठंड से सबसे ज्यादा गरीब बेहाल है। आरोप है कि पालिका कर्मी लकड़ियां डालवाने में सौतेला व्यवहार अपना रहे है।
ठंड के चलते कहां-कहां अलाव जलवाये जा रहे है, इसका निरीक्षण शनिवार को नगर पालिका चेयरमैन अजय अवस्थी ने शहर के प्रमुख स्थानों में जाकर किया। भ्रमण के दौरान चेयरमैन को कुछ स्थानों में लकड़ी न डलवाने की शिकायतें मिलीं। इस पर चेयरमैन ने सभी प्रमुख स्थानों पर अलाव जलवाने का आश्वासन दिया।
मास्टर जी आप ने लेख में लकडियों के स्थान पर शुरू की पंक्तियों में लड़कियां लिख दिया है--कृपया जांच kar sahi kar len :)
जवाब देंहटाएंमास्टर जी आपने वादा नही निभाया और पूरी की पूरी ठण्ड बनारस की और ठेल दी -अब हम भी गुडगुडा रहे हैं ! नगर निगमों के चक्कर में न रहे भाई जान चली जायेगी अपना कुछ जुगाड़ कर लें !
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