2 जन॰ 2009

फतेहपुर में सर्दी का प्रकोप शुरू

 

कोहरे के साथ शीत लहर का प्रकोप शुरू होते ही आम जनजीवन अस्त व्यस्त होकर रह गया है। कड़ाके की ठंड के कारण गुरुवार को लोगों का हाल बेहाल रहा। कचहरी और तहसीलों में ठंडक से राहत पाने के लिए लोगों ने लकड़ी खरीद कर अलाव जलाने की व्यवस्था की। दिनभर धूप के दर्शन नहीं होने के कारण लोग ठिठुरते रहे। उधर, कड़ाके सदीü होने के बावजूद नगर पालिका परिषद ने अभी तक अलाव जलाने की व्यवस्था नहीं की।गुरुवार इस मौसम में अब तक का सबसे सर्दी वाला दिन रहा। सुबह से ही कड़ाके की ठंडक होने के कारण लोगों का हाल बेहाल रहा। सरकारी और गैर सरकारी दफ्तरों में अधिकारियों और कर्मचारियों की उपस्थिति न के बराबर रही। जो आए भी उनकी कुर्सियां खाली पड़ी रहीं। अधिकारी और कर्मचारी सर्दी से राहत पाने के लिए होटल, चाय की दुकानों पर भटि्ठयों को घेरे रहे। दफ्तर देर से खुले और जल्दी बंद हो गए।

कचहरी और तहसीलों में वादकारियों का टोटा रहा। जो आए भी पेशी की तारीख लेकर चलते बने। कचहरी और तहसीलों में तैनात सुरक्षा बलों का ठंडक से हाल बेहाल रहा। आस पास के टालों से लकड़ी लाकर अलाव जलाने की व्यवस्था की। अलाव सर्दी से राहत पाने के लिए लोग घेरे रहे। ऐसी स्थिति में रेलवे स्टेशन और बस स्टापों में यात्रियों का हाल बेहाल रहा। अगर शीतलहर का यही हाल रहा तो जनहानि होने का सिलसिला शुरू होने से इंकार नहीं किया जा सकता।

उधर नगर पालिका परिषद के चेयरमैन अजय अवस्थी का कहना है कि शहर के प्रमुख 20 सार्वजनिक स्थलों पर अलाव पहले से ही जल रहे हैं। सभी में प्रतिदिन शाम के समय परिषद कर्मचारी लकड़ी डालते हैं। उन्होंने बताया कि गुरुवार को सर्दी बढ़ने के कारण अलाव की संख्या बढ़ाने की जरूरत दिखाई पड़ी है। ऐसी स्थिति में जरूरत के हिसाब से अन्य स्थानों पर अलाव लगाने के भी निर्देश जारी कर दिए गए हैं। अगले दिन तक शहर में जगह-जगह अलाव जलते दिखाई पड़ेंगे।

शीत लहर शुरू होते ही बाजारों में सन्नाटा पसर गया है। दुकानों में दिनभर ग्राहकों का टोटा रहा। अधिक ठंडक के कारण दुकानें विलंब से खुलीं और शाम ढलते ही बंद होने का सिलसिला चालू हो गया। इस तरह से अन्य दिनों की अपेक्षा बाजार पहले ही बंद हो गए। चौक बाजार में दूकानदारों का कहना है कि गुरुवार का दिन अधिक सर्दीला होने के कारण व्यवसाय पर विपरीत असर पड़ा। गिने चुने लोग ही खरीदारी करने आए।

4 टिप्‍पणियां:
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  1. अरे प्रवीण भाई यह तो कपकपाऊँ आखो देखा हाल सुना दिया आपने -बनारस में तो अभी कल तक गनीमत थी -अब इधर ना भेज दीजियेगा शीत लहरी को आपुन ठण्ड संभालो आपहि !

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  2. अजी आप का लेख पढ कर तो मेरे दांत किट्किटाने लगे यानि सर्दी लगने लगी,बहुत सुंदर लगा आंखॊ देखा हाल
    धन्यवाद

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  3. अरे प्रवीण जी

    अंडा तो बिक रहा है न और चाय गरम।

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