7 नव॰ 2008

नगरपालिका ने एसेसमेंट (पुनरीक्षण) का काम शुरू कराया

 

काफी उठापटक के बाद आखिर नगरपालिका ने एसेसमेंट (पुनरीक्षण) का काम शुरू करा दिया है। नए एसेसमेंट से शहर में करीब पच्चीस हजार घर बढ़ जाएंगे। जिससे पालिका के राजस्व में लाखों रुपए महीने का इजाफा भी होगा। लेकिन जिस प्रकार से एसेसमेंट में सभासदों द्वारा मनमानी की जा रही है। उससे यह अभी यह कह सकना ठीक नहीं कि एसेसमेंट का काम अपने मुकाम तक पहुंचेगा।मालूम हो कि नगर पालिका में 1993 से एसेसमेंट का काम रुका हुआ है। इस दौरान कई बार योजनाएं बनीं और काम भी हुए किन्तु विरोधों के चलते बीच में ही काम रोक दिया गया। तत्कालीन पालिकाध्यक्षों के को इस काम में हर बार मुंह की ही खानी पड़ी। 93 में पालिकाध्यक्ष मतीन खां के कार्यकाल में पहली बार इसका विरोध हुआ। 1995 में चेयरमैन राजकुमारी लोधी ने पुन: एसेसमेंट शुरू करवाया तो शब्बीर खां ने बोर्ड की बैठक आहूत कर एसेसमेंट पर रोक लगा दी। जिस पर रामशंकर कोर्ट से स्टे ले आए और एसेसमेंट पुन: शुरू हुआ। यह मुकाम तक पहुंच पाता इससे पहले 2000 में शब्बीर खां के चेयरमैन बन जाने के बाद एक बार फिर एसेसमेंट का काम ठंडे बस्ते में चला गया। इसके बाद आया प्रशासकों का दौर जिन्होंने या तो इस संबंध में प्रयास ही नहीं किया। या फिर विरोध के चलते उनके प्रयासों को बल नहीं मिल पाया। लगभग तेरह सालों बाद एक बार पुन: वर्तमान पालिकाध्यक्ष अजय अवस्थी ने एसेसमेंट का काम शुरू करवाया है। जिसे लेकर विरोध जारी है। सूत्रों के मुताबिक विरोध के चलते अब तक कई बार इस पर अवरोध आए। अब जबकि एसेसमेंट चालू है। सभासदों द्वारा मनमानी की शिकायतें सामने रही हैं। सूत्रों के मुताबिक पालिका कर्मियों की मिलीभगत से कुछ सभासद अपने वार्डों में मकानों का इच्छानुसार ब्यौरा तैयार करवा रहे हैं। जो विपक्षियों को रास नहीं रहा है। ऐसे में यह कह पाना अभी उचित नहीं होगा कि इस बार भी एसेसमेंट पूरा हो पाएगा या नहीं। इस बारे में पालिकाध्यक्ष अजय अवस्थी ने कहा कि सभासदों द्वारा मनमानी की बातें बेबुनियाद हैं। उन्होंने कहा कि एसेसमेंट के बाद खुली बैठक आयोजित की जाएंगी। यदि कहीं खामी होगी तो उसका निदान बैठकों में किया जाएगा।

कोई टिप्पणी नहीं:
Write टिप्पणियाँ